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सीएम हेमंत सोरेन ने की बूढ़ा पहाड़ के समीप बसे गांवों के ग्रामीणों के लिए पुनर्वास व्यवस्था 

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रांची 

घने जंगल के बीच एवं अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बूढ़ा पहाड़ के समीप बसे कुजरूम, लाटू एवं जयगीर के ग्रामीणों को पुनर्वास के लिए झारखंड सरकार उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए निरंतर पहल कर रही है। इसी क्रम में मेदिनीनगर के चियांकी हवाई अड्डा में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा कुजरूम के ग्रामीणों को रैयती भूमि का हक प्रमाण पत्र तथा 15 लाख राशि का बैंक सर्टिफिकेट प्रदान किया। ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने एवं उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए झारखंड सरकार द्वारा अनोखी पहल की गई है।

घने जंगल के बीच एवं अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बूढ़ा पहाड़ के समीप बसे कुजरूम, लाटू एवं जयगीर के ग्रामीणो को पुनर्वास के लिए जिला मुख्यालय के निकट चयनित स्थल पर 2 हेक्टेयर रैयती जमीन एवं 15 लाख नगद राशि का विकल्प उपलब्ध कराया गया है। ग्रामीण के लिए 800 वर्ग फिट का पक्का मकान, बिजली, पानी, सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ एवं रोजगार की सुविधा प्रदान की जा रही है। 

बता दें कि पलामू टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में बसे गांवों में वन्यप्राणी संरक्षण के लिए बने नियमों के कारण पक्की संरचनाओं के निर्माण पर रोक है। कोर क्षेत्र में बसे होने के कारण सरकार द्वारा पक्की सड़क एवं बिजली की सुविधा नहीं दी जा सकती है। यहाँ के ग्रामीणों का सामना प्रतिदिन बाघ, तेन्दुआ, हाथी और भालू जैसे जंगली जीवों से होता है।

कुजरूम के ग्राम प्रधान श्री लल्लू उरांव द्वारा बताया गया कि दिसंबर 2019 में पुनर्वास की प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी। ग्रामीणों द्वारा स्वयं पुनर्वास के स्थल का चयन किया। माननीय मुख्यमंत्री से सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद कुजरूम एवं पलामू टाइगर रिज़र्व के अन्य ग्रामीण उत्साहित हैं। पलामू टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर कुमार आशीष ने जानकारी दी कि वर्तमान में तीन गाँव कुजरूम, लाटू एवं जयगीर के पुनर्वास की प्रक्रिया चल रही है। पुनर्वास के संबंध में कोर क्षेत्र में बसे अन्य ग्रामीणों को जानकारी दी जा रही है। ग्रामीणों के बेहतर भविष्य के लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारी काम कर रहे हैं। 


 

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